राजस्थान में MBBS अब हिंदी में: मेडिकल शिक्षा में नई क्रांति

राजस्थान में MBBS अब हिंदी में: मेडिकल शिक्षा में नई क्रांति

पहली बार MBBS हिंदी में

राजस्थान में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आया है। अब MBBS कोर्स हिंदी भाषा में भी पढ़ाया जाएगा। यह सुविधा डॉ. सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज (जोधपुर) और बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में लागू की गई है। यह कदम हिंदी भाषा में मेडिकल पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है, ताकि छात्रों को अपने मातृभाषा में बेहतर समझ और शिक्षा प्राप्त हो सके​

पहला चरण और विस्तार योजना

  • हिंदी में MBBS पढ़ाई की शुरुआत फिलहाल 2024-25 सत्र से इन दो मेडिकल कॉलेजों में की गई है।
  • यह पहल मध्‍य प्रदेश के बाद राजस्थान में लागू की गई है, जहां पिछले साल पहली बार MBBS हिंदी में पढ़ाने की शुरुआत हुई थी।
  • राजस्थान सरकार और मेडिकल शिक्षा विभाग इसे अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी लागू करने की योजना बना रहा है​

हिंदी MBBS की आवश्यकता क्यों?

  1. स्थानीय छात्रों को लाभ – ग्रामीण और हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले छात्रों को अब मेडिकल की पढ़ाई में भाषा की समस्या नहीं होगी।
  2. बेहतर समझ – मेडिकल की जटिल अवधारणाओं को मातृभाषा में सीखने से छात्रों की समझ में सुधार होगा।
  3. रोगियों से बेहतर संवाद – हिंदी में प्रशिक्षित डॉक्टर स्थानीय रोगियों से अधिक प्रभावी संवाद कर सकेंगे, जिससे उपचार की गुणवत्ता में सुधार होगा।

भविष्य की संभावनाएं

  • सरकार हिंदी माध्यम में मेडिकल किताबें प्रकाशित कर रही है, जिससे छात्रों को आसानी हो।
  • डिजिटल सामग्री और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी हिंदी में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
  • आने वाले समय में राजस्थान के अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी इसे लागू करने की योजना है​

यह कदम मेडिकल शिक्षा को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

सरकार ने हिंदी माध्यम में मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए MBBS की किताबें हिंदी में प्रकाशित की हैं। यह कदम खासकर ग्रामीण और हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए मददगार होगा, जो अंग्रेजी भाषा की बाधा के कारण मेडिकल की पढ़ाई में कठिनाई महसूस करते थे।

मुख्य पहलें:

  • हिंदी में MBBS पाठ्यक्रम: मध्य प्रदेश सरकार ने हिंदी में मेडिकल पाठ्यक्रम की किताबें जारी की हैं, ताकि छात्रों को अपनी मातृभाषा में चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सके​
  • डिजिटल संसाधन: हिंदी माध्यम में डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन सामग्री भी विकसित की जा रही है, जिससे छात्रों को और अधिक सुविधाएं मिल सकें​

फायदे:

  • हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए मेडिकल शिक्षा को सरल बनाना।
  • ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करना।
  • मेडिकल विषयों को हिंदी में पढ़कर बेहतर समझ विकसित करना।

चुनौतियां:

  • अंग्रेजी में उपलब्ध अंतरराष्ट्रीय मेडिकल रिसर्च और टेक्स्टबुक्स से हिंदी माध्यम के छात्रों का जुड़ाव कम हो सकता है।
  • अनुभवी शिक्षकों की कमी, जो मेडिकल विषयों को हिंदी में प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें।
  • हिंदी में पर्याप्त गुणवत्ता वाले मेडिकल संदर्भ सामग्री की कमी

यह पहल भारतीय चिकित्सा शिक्षा को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए गुणवत्ता सामग्री, शिक्षकों का प्रशिक्षण और हिंदी में शोध संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक होगा।

सरकार ने हिंदी माध्यम में MBBS की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए कई मेडिकल किताबें जारी की हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहली हिंदी MBBS पाठ्यपुस्तकें लॉन्च कीं, जिनमें प्रमुख विषय शामिल हैं:

  1. एनाटॉमी (Anatomy)
  2. बायोकेमिस्ट्री (Biochemistry)
  3. मेडिकल फिजियोलॉजी (Medical Physiology)

ये किताबें हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए चिकित्सा शिक्षा को आसान बनाने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई हैं​

SURENDRA CHOUDHARY

Surendra Choudhary is a part-time blogger and content creator with a keen interest in government medical jobs, nursing, paramedical recruitment, and health schemes in India and Rajasthan. Alongside his professional work, he manages rajnhm.com, where he shares authentic updates, official notifications, and helpful guides for aspirants and healthcare professionals. His goal is to make complex information accessible and useful for everyone.

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